पेपर लीक मामले में 350 से ज्यादा गिरफ्तारियां, अभी भी मास्टरमाइंड पुलिस के पकड़ से दूर - यूपी न्यूज़ एक्सप्रेस

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सोमवार, 11 मार्च 2024

पेपर लीक मामले में 350 से ज्यादा गिरफ्तारियां, अभी भी मास्टरमाइंड पुलिस के पकड़ से दूर

 पेपर लीक मामले में 350 से ज्यादा गिरफ्तारियां, अभी भी मास्टरमाइंड पुलिस के पकड़ से दूर


आशुतोष पाण्डेय

लखनऊ (स्टेट ब्यूरो)।  यूपी एसटीएफ और पूरे प्रदेश की सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में 350 से ज्यादा गिरफ्तारियां कर चुकी है, लेकिन अभी तक पेपर लीक का मास्टर माइंड नहीं ढूंढ पाई है। प्रिंटिंग प्रेस से लेकर परीक्षा करवाने वाली एजेंसी के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ के बाद भी यह पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर मास्टर माइंड कौन है? हर गिरफ्तारी जांच के नए एंगल को खोल रही है और अभी तक पेपर लीक कनेक्शन चार राज्यों से जुड़ चुका है। अभी तक हुई गिरफ्तारियों में यह बात सामने आई है कि पूर्वांचल के कुछ जिलों में लीक पेपर की अभ्यर्थियों को तैयारी करवाई गई। यानी उनके पास पेपर काफी पहले पहुंच गए थे। एसटीएफ और पुलिस उन गैंग्स की तलाश में जुटी है, जिन्होंने पेपर की तैयारी करवाई। यह बात सामने आ रही है कि पहले परीक्षा एजेंसी को दो पाली में एक ही दिन पेपर करवाने थे। बाद में अभ्यर्थियों की संख्या 48 लाख से ज्यादा पहुंचने पर तय हुआ कि पेपर चार पालियों में होगा। पहले जो पेपर तैयार हुए थे, आशंका जताई जा रही है कि वे ही लीक हुए। यह भी सामने आया है कि पेपर पर तारीख और समय नहीं डाला गया था। इसके चलते यह तय नहीं हो पाया कि कौन सा पेपर किस दिन आएगा। इसलिए 18 का पेपर 17 तारीख को ही वायरल होने लगा था। ऐसे में पहले दिन के दोनों पेपर से वह नहीं मिला। अभी तक हुईं गिरफ्तारियों और पूछताछ में पेपर लीक का केंद्र पूर्वांचल के दो जिलों वाराणसी व जौनपुर के आसपास घूम रहा है। हालांकि एसटीएफ या पुलिस ने अभी तक कोई अहम गिरफ्तारी नहीं की है। कई गिरोहों की संलिप्तता ने पुलिस और एसटीएफ को पेपर लीक के सटीक स्रोत तक पहुंचने में परेशानी में डाल दिया है। शुरुआती गिरफ्तारियों से मेरठ सहित पश्चिम यूपी के जिलों से सक्रिय कुछ गिरोहों की ओर संकेत मिला। 28 फरवरी को सिद्धार्थ नगर से हुई गिरफ्तारियों ने बिहार और पश्चिम बंगाल से संचालित होने वाले गिरोहों की ओर इशारा किया, लेकिन बागपत, गाजियाबाद और गौतम बुद्धनगर से हुई गिरफ्तारियों से हरियाणा से संचालित होने वाले गिरोहों की ओर संकेत मिला। झांसी से हुई गिरफ्तारियों में एमपी के गैंग की भूमिका सामने आई थी।

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