कमिश्नर साहब एक नजर
नंबर को रोकने में लगी
आगरा। संवाददाता। चौराहों पर लगा रहता है जाम ट्रैफिक पुलिस लगी रहती है बाहर के नंबरों की गाड़ियों को रोकने के चक्कर में क्योंकि जाम खुलवाने से केवल तनखा मिलेगी और बाहर के नंबरों की गाड़ियों को रोकने में तनखा के अलावा अवैध रूप से कमाई का हिस्सा भी मिलेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाईवे के गुरुद्वारे चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के द्वारा बाहर के नंबरों की गाड़ियों को रोक कर अवैध वसूली की जाती है इस संबंध में संवाददाता जब गुरुद्वारे चौराहे पर मंगलवार को समय लगभग 6:30 बजे पहुंचा तो देखा चौराहे पर जाम लगा हुआ था चारों कोनों पर पुलिस खड़ी थी मगर ट्रैफिक का एक सिपाही बाहर के नंबरों की गाड़ियों को रोकने में लगा हुआ था जबकि बगल में ही ट्रैफिक के दरोगा भी खड़े थे एंबुलेंस का सारण बज रहा था है मगर जाम खुलवाने के स्थान पर वाहन संख्या यूपी 13 बी ए 4210 को रोककर वाहन स्वामी को कानून का पाठ पढ़ा कर सौदेबाजी करने में लगी थी ट्रैफिक पुलिस जबकि ट्रैफिक पुलिस का कार्य है पहले जाम को खुलवाने का है चालान की प्रक्रिया का काम भी बाद में है वाहन स्वामी से सौदेबाजी करने के दौरान अन्य पुलिसकर्मियों की भी निगाह उस सौदेबाजी पर बनी रहती है क्योंकि बंटवारे में उनकी जेब में कितना हिस्सा जाएगा वह भी इसका ध्यान रखते हैं इस दौरान जाम से सभी की निगाह हट जाती है बताते चलें जबसे पूर्व में रहे प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर हुआ है तब से ट्रैफिक पुलिस के द्वारा चौराहों पर अवैध वसूली का खेल शुरू कर दिया गया है इतना ही नहीं अन्य चौराहों पर भी अवैध वसूली का कार्य इसी तरीके से किया जा रहा है साथ ही जिन चौराहों पर टेंपो के ठीक उठ गए हैं उन चौराहों पर ट्रैफिक के दरोगा नो पार्किंग वह अवैध रूप से चलने वाले टेंपो पर कार्रवाई इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि शाम के समय में ठेकेदारों द्वारा उनकी जेब गर्म कर दी जाती है।
बताते चलें कुछ वर्ष पूर्व मैं रहे पुलिस के उच्च अधिकारियों के द्वारा ट्रैफिक पुलिस की अवैध वसूली पर वाटर वर्क्स चौराहे से दो टीएसआईओ को जेल भी भेजा गया था इसके अलावा अन्य कार्रवाई के रूप में निलंबन, मिसकंडक्ट, ओ आर, जेल आदि की कार्रवाई करते रहे थे मगर मौजूदा समय में पुलिस के उच्च अधिकारियों के द्वारा अवैध वसूली पर प्रभावशाली कार्रवाई न करने के चले ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर बाहर के नंबरों की गाड़ियों को रोक कर अवैध वसूली करने में लगी हुई है। हालांकि चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं मगर शायद वह केवल अपराधियों के पकड़ने के लिए लगाए गए हैं ना कि पुलिस की अवैध गतिविधियों को पकड़ने के लिए देखने वाली बात यह होगी की मौजूदा पुलिस के उच्च अधिकारी कब ट्रैफिक पुलिस की कारगुजारी पर अंकुश लगाते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा ।
ऐसे करती है ट्रैफिक पुलिस अपने को बचाने का प्रयास
यदि ट्रैफिक पुलिस के द्वारा किसी वाहन स्वामी से अवैध वसूली में जब रुपए ले लिए जाती है और किसी पत्रकार या अन्य की निगाह पड़ जाती है तो सौदेबाजी के रूप में ली गई रकम में से 500 से लेकर 1000 की रसीद काट दी जाती है बाकी सारा रुपया अपनी जेब में रख दिया जाता है जब उच्च स्तरीय जांच होती है तब अपने पुलिस अधिकारियों को गुमराह करते हुए यह कह दिया जाता है कि हमारे द्वारा रसीद काटी गई है ना कि अवैध वसूली मैं रुपए लिया गया है ऐसे मामले भी पूर्व मैं पकड़ में आए हैं।
अन्य पत्रकार बंधु भी रखें चौराहों पर नजर
पत्रकारों का काम होता है गलत कार्य को खुलासा करना इसी तरीके से हमारे अलावा अन्य पत्रकार बंधु भी रखें चौराहों पर नजर जिससे कि बाहर से आने वाले वाहन स्वामियों का उत्पीड़न ना हो और शहर का नाम बदनाम ना हो।