पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए “मध्यस्थता की तकनीक“ पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम। - यूपी न्यूज़ एक्सप्रेस

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रविवार, 14 मई 2023

पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए “मध्यस्थता की तकनीक“ पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम।

 पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए “मध्यस्थता की तकनीक“ पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम


आगरा
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा माननीय मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर के मार्गदर्शन में परिवार न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए मध्यस्थता तकनीक पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम इलाहाबाद उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति माननीया जस्टिस सुनीता अग्रवाल की अध्यक्षता में ’सेंसिटाइजेशन ऑफ फैमिली कोर्ट मैटर्स’ समिति के तत्वावधान में तथा इलाहबाद उच्च नय्यालय के मध्यस्था समिति के सहयोग से आज डॉ० भीमराव आंबेडकर विविद्यालय आई० इ० टी खंदारी परिसर आगरा में आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनजीव शुक्ला द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर व भगवान का आशीर्वाद लेकर की गई। उद्घाटन में जिला जज, विवेक संगल भी शामिल हुए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद आगरा, अलीगढ़, औरैया, बदायूं, एटा, इटावा फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, हाथरस, कन्नीज, कासगंज, मैनपुरी और मथुरा के परिवार न्यायलय के न्यायाधीश में भाग ले रहे हैं।न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों का का अपने अभिवचनों से मार्गदर्शन किया तथा पारिवारिक मामलो के संवेदनशीलता पर जोर दिया। उन्होंने ने अपने सम्बोधन में मुख्यतः इस बात पर जोर दिया कि “यदि परिवार शांति में है, तो समाज भी सुरक्षित रहेगा।“ उन्होंने पारिवारिक मामलों के क्षेत्र में अपने व्यापक अनुभवों को प्रतिभागियों के साथ साझा की। उन्होंने आगे बताया कि पारिवारिक विवाद कैसे होते हैं और उसके निस्तारण में किस प्रकार की तकनीक की आवश्यकता है? उनके अनुसार मामलों के निस्तारण के लिए अलग दृष्टिकोण व विनम्रता की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें व्यक्तिगत भावनाएं शामिल हैं।

न्यायमूर्ति श्री मंजीव शुक्ला ने अपने उद्घाटन भाषण में प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने तेजी से बदलते इस युग में प्रशिक्षण व मध्यस्ता तकनीक के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए मध्यस्थता प्रशिक्षण विभिन्न प्रकार से मदद कर सकता है तथा पारिवारिक मामलों को प्रभावी ढंग से हल करने में सहायक होगा। परिवार न्यायलय के न्यायाधीशों को प्रशिक्षण माननीय उच्चतम न्यायलय के मध्यस्ता समिति के मध्यस्ता परीक्षण विशेषज्ञ अनूप कुमार श्रीवास्तव, नीरज उपाध्याय, राजलक्ष्मी सिन्हा और संदीप सक्सेना द्वारा दिया गया।

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