ट्रांसयमुना पुलिस का इकबाल खत्म
थाना प्रभारी बन गए मूर्ति ,कार्यवाही के नाम पर होती है सिर्फ खानापूर्ति
जनपद आगरा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि सुशासन की पहली शर्त है सुरक्षा और कानून का राज और प्रदेश में कानून के राज के लिए पुलिस बल के इकबाल को बनाए रखना है ,पुलिस का इकबाल बना रहेगा तो हर एक अच्छे व्यक्ति का सम्मान भी बना रहेगा पुलिस के इकबाल को तोडने बाला खुद को टूटा हुआ महसूस करेगा लेकिन सीएम के यह बयान आगरा में पूरी तरह से विपरीत हैं यहां पुलिस का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो गया है ।
मामला थाना ट्रांसयमुना का है वुधवार शाम को एक महिला अचानक थाना कार्यालय में पहुँची और पुलिसकर्मी का मोबाइल लेकर चली आई उस समय थाना कार्यालय में कई लोग मौजूद थे लेकिन फिर भी महिला बिना डरे मोबाइल लेकर निकल आई और बाहर रास्ते की तरफ चल पड़ी पुलिसकर्मी महिला के पीछे पीछे मोबाइल बापस लेने के लिए दौड़ पड़े महिला थाना के पीछे बने मकान में घुस गई और मोबाइल न देने की जिद करने लगी पुलिसकर्मी समझाते रहे लेकिन वह जबाब देती रही और पुलिस द्वारा महिला की न सुनने की बात सामने आई महिला खुद बोलने लगी कि कभी भी थाना में जाओ कोई जबाब नहीं देता है मेरे साथ मामला होगा लेकिन सुनवाई नहीं की गई पुलिसकर्मियों द्वारा कहा गया कि आप कब थाना गई थी तो महिला बोलने लगी कि रिकॉर्डिंग होगी चेक कर लीजिए और इस मोबाइल में समय और तारीख सब आ रही है मैं मोबाइल को बापस नहीं करूंगी ,कड़ी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मियों ने महिला से मोबाइल को बापस लिया ।
थाना कार्यालय से मोबाइल को ले जाना बड़ी चुनौती
पुलिस लगातार असमाजिक तत्वों पर कार्यवाही की बात कहती है लेकिन फिर भी आज थाना कार्यालय से एक महिला मोबाइल को लेकर बाहर आ गई और अपने घर पहुंच गई ये इस प्रकार कार्यालय से मोबाइल ले जाकर बड़ी चुनौती दी है ।
थाना प्रभारी बन गए है मूर्ति
थाना ट्रांसयमुना प्रभारी को काफी समय हो गया इस थाना में लेकिन अभी तक क्षेत्रीय लोग थाना प्रभारी को जान नहीं पाए जनता के बीच थाना प्रभारी अपना सामंजस्य नहीं बना पाए यह थाना शुरू से ही सुर्खियों में रहा है ,थाना प्रभारी को अधिकारियों ने मूर्ति बनाकर भेजा है जब से थाना प्रभारी ने ट्रांस यमुना का चार्ज लिया है तब से क्षेत्र में और अवैध गतिविधियां बढ़ गई हैं निर्दोषों पर कार्रवाई होती है और दोषियों को बख्शा जाता है , थाना ट्रांस यमुना की पुलिस पूरे दिन एक सूत्रीय कार्यक्रम में लगी रहती है थाना प्रभारी ऑफिस में बैठकर खानापूर्ति कर देते हैं , कुछ मामले तो ऐसे ही होते हैं कि थाना प्रभारी को पता नहीं पड़ता थाना के पुलिसकर्मी टेबल के नीचे दुआ सलाम करके मामले को निपटा देते हैं जब पीड़ित की कार्यवाही नहीं होती तो पीड़ित अधिकारियों के यहां गुहार लगाते हैं उसके बाद थाना प्रभारी को मामले की जानकारी होती है ,कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें थाना प्रभारी को किसी प्रकार का कोई पता नहीं था लेकिन जब अधिकारियों के फोन घनघनाए तब थाना प्रभारी नींद से जागे , थाना प्रभारी की कार्यशैली क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है ।