सरूरपुर में संस्कार की पाठशाला का आयोजन करके दिया शांति बनाए रखें का संदेश -डॉ एमपी सिंह
सरूरपुर : 6 अगस्त 2023 अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 75 सप्ताह 75 पाठशाला का आयोजन कर रहा है जिसके तहत आज सरूरपुर औद्योगिक नगरी में संस्कार की पाठशाला का आयोजन किया गया जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने हरियाणा प्रदेश के जिला मेवात मे नुहू में हुए सांप्रदायिक दंगे को मध्य नजर रखते हुए आम जन से अपील की कि हमें आपसी भाईचारे को बनाए रखना चाहिए तथा सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए आपस में लड़ाई झगड़ा व दंगे फसाद नहीं करने चाहिए किसी भी सरकारी प्रॉपर्टी को क्षतिग्रस्त नहीं करना चाहिए आगजनी घटना को जन्म नहीं देना चाहिए इससे हमारे देश का नुकसान होता है और इसकी भरपाई करना मुश्किल होता है डॉ एमपी सिंह ने कहा कि जो लोग समझदार होते हैं वह देश की उन्नति और विकास पर ध्यान देते हैं क्योंकि देश यदि मजबूत रहेगा तो हमारे आने वाली पीढ़ी भी मजबूत रहेगी इसलिए हमें अपने बच्चों में संस्कार डालने चाहिए और संस्कार के तहत देश की अर्थव्यवस्था तथा प्रकृति के बारे में ज्ञान देना चाहिए सत्य और अहिंसा के मार्ग को अपनाकर चरित्र निर्माण पर कार्य करना चाहिए किसी भी कीमत पर आपसी भाईचारे को खराब नहीं करना चाहिए लॉ एंड ऑर्डर के कर्मचारियों और अधिकारियों का सहयोग करना चाहिए सरकार द्वारा बनाए गए नियमों की मन से पालना करनी चाहिए डॉ एमपी सिंह ने कहा कि यदि बचपन में हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डाल देते हैं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देते हैं इस देश में रहने वाले सभी जीव जंतुओं पर दया करना सिखा देते हैं तथा सभी भारतीय नागरिक को एक परिवार के सदस्य की तरह देखते हैं तो किसी प्रकार की हिंसा की संभावना रह ही नहीं जाती है हमें सरकारी प्रॉपर्टी को आग के हवाले नहीं करना चाहिए पुष्कर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भुगतान निर्दोष भारतीय नागरिक को ही करना पड़ता है हमें गलत तरीके से अपने आप को हाईलाइट नहीं करना चाहिए तथा गलत तरीकों को अपनाकर अपनी राजनीति नहीं चमकानी चाहिए
हमें अपने कार्यों को संभालने में व्यस्त रहना चाहिए उग्रवाद करने में और हिंसा फैल एम फैलाने में अपने को लिप्त नहीं करना चाहिए यदि कहीं पर कुछ ऐसा लगता है कि जो आपके आपकी सोच के खिलाफ है तो उसके लिए कानून का सहारा लेना चाहिए बल्कि कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए यही वास्तविक शिक्षा है इसी शिक्षा को अपनाकर देश को मजबूत बनाया जा सकता है देश की एकता और अखंडता के लिए काम किया जा सकता है सच्ची देशभक्ति को दर्शाया जा सकता है इस कार्यशाला में ढाई सौ महिला पुरुष और बच्चों ने भाग लिया तथा सभी ने इस कार्यशाला की अत्यंत सरहाना की और अस्वस्थ किया कि हम सभी उक्त बातों पर अमल अमल करेंगे तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपील करेंगे