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शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

आईपीएस डॉ राजीव नारायण मिश्र बने डीआईजी

 आईपीएस डॉ राजीव नारायण मिश्र बने डीआईजी

तेजतर्रार ,व्यवहारिक, मृदुभाषी अधिकारी है डॉ राजीव नारायण मिश्र

राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित हैं डॉ मिश्र 


लखनऊ
। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और प्रशासन व्यवस्था दोनों को लेकर लगातार सुधार करने के लिए सरकार तरह-तरह के प्रयास कर रही है। पुलिस महकमें से लेकर शीर्ष प्रशासन और ब्यूरोक्रेसी में एक क्रमबद्ध तरीके से प्रमोशन और तबादलों का सिलसिला लगातार देखने को मिल रहा है। यूपी में 34 आईपीएस अफसरों का प्रमोशन करके डीआईजी बना दिया गया है।

इसी क्रम में वर्तमान में एसएसपी माघ मेला, प्रयागराज का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ राजीव नारायण मिश्र, सेनानायक 34वीं वाहिनी पीएसी वाराणसी को शासन ने पुलिस उपमहानिरीक्षक के पद पर प्रोन्नति प्रदान की है। बताते चलें कि डॉ मिश्र 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जिन्हें पूर्व में राम जन्मभूमि अयोध्या में आतंकवादी हमला विफल करने में महती भूमिका निभाने के कारण महामहिम राष्ट्रपति भारत द्वारा वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वीरता पुरस्कार के अतिरिक्त इन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक एवं अन्य विभिन्न अलंकरण भी प्राप्त हो चुके हैं।  डॉ मिश्र पूर्व में एसएसपी एसटीएफ, एसपी कुशीनगर, एसपी एटीएस, एसपी ट्रैफिक नोएडा व अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त रह चुके हैं। भीड़ प्रबंधन में दक्षता प्राप्त करने के कारण उ0प्र0 शासन  द्वारा डॉ मिश्र को लगातार चौथी बार माघ मेला प्रयागराज के पुलिस प्रबंधन की चुनौती पूर्ण जिम्मेदारी सुपुर्द की है।

निडर और बहादुर अधिकारी हैं डॉ राजीव नारायण मिश्र

डॉ राजीव नारायण मिश्र अपने कार्य दक्षता एवं कुशल प्रबंधन क्षमता के आधार पर लगातार चौथी बार एसएसपी माघ मेला प्रयागराज का अतिरिक्त दायित्व वर्तमान में संभाल रहे, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ मिश्र की सराहना प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में भी अनेकों बार की जा चुकी है, साथ ही इनके नेतृत्व में 34वींं वाहिनी पीएसी वाराणसी में भी वाहिनी के सर्वांगीण विकास एवं जवानों के कल्याण के सतत एवं सराहनीय प्रयास हुए हैं, जिसके फलस्वरूप लगातार दूसरी बार 34वीं वाहिनी पीएसी वाराणसी सम्पूर्ण प्रदेश में अति उत्तम वाहिनी के खिताब को अपने नाम करते हुए प्रदेश में अपना नाम रोशन किया है।

निडरता और बहादुरी के तमाम किस्से आईपीएस डॉ. राजीव नारायण मिश्रा एचसीएल सॉफ्टवेयर इंजीनियर के अपहरण के मामले को हल किया था 23 मई को एक एचसीएल सॉफ्टवेयर इंजीनियर को जिला गाजियाबाद में अपहरण कर लिया गया था। एसएसपी गाजियाबाद के अनुरोध पर उन्हें 27 मई की सुबह यह काम सौंपा गया था और उनके निरंतर प्रयासों से सार्थक परिणाम मिले और उन्होंने अपनी टीम के साथ बंधक को बचाने में सफलता हासिल की और 1 जून को उनके साथ मुठभेड़ में कट्टर अपराधियों को पकड़ लिया। जिसके बाद उन्हें लखनऊ स्थित डीजीपी मुख्यालय में उन्हें 15 अगस्त 2018 यानि 71वें स्वतंत्रता दिवस को प्रतिष्ठित डीजीपी की प्रशंसा डिस्क (गोल्ड) पुरस्कार से नवाज़ा गया था. ।

राष्ट्रपति के वीरता पुरस्कार से सम्मानित हैं डॉ. राजीव नारायण मिश्र अयोध्या में 2005 में हुए आतंकवादी हमले में डॉ. राजीव नारायण मिश्र के बहादुरी के साथ लड़ने आतंकवादियो को मार गिराने में एक अहम भूमिका निभाई थी जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति के वीरता पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक व अन्य बहुत से पुरस्कार मिल चुके हैं। वर्तमान में डॉ. राजीव नारायण मिश्रा, सेनानायक 34वीं वाहिनी पीएसी, वाराणसी में नियुक्त हैं‌, और इसके पहले एसएसपी, एसटीएफ, लखनऊ व कुशीनगर के कप्तान भी रह चुके हैं।

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