जो हुनरबाज होते है उन्हें सफल होने से विधाता के सिवाय कोई नही रोक सकता-इंजीनियर लख्मीचंद यादव
आप देखिए मेरे स्कूल टीचरों के झुंड ने तरह-तरह के झूठे बदनामी के मुझमें ऐब लगाकर मुझको पढ़ने से बहुत बार रोका वहीं मुझ पर तीन बार कॉलेज मे इमेरजेंसी भी लगी तो वही मेरे गाँव वालों ने मेरे पीछे कुत्ते लगाकर मुझे हर बड़ी से बड़ी मुसीबतों और उलझनों में फंसाने का हर बड़ा षड्यंत्र किया। मुझपर 12 वर्ष की नाबालिग उम्र में ही संगीन मुकदमों के बोझ लद गए आज में क्या हूँ आप सभी के सामने हूं।
इंसान सिर्फ और सिर्फ अपने कर्मो का मारा है लोग झूठ कहते है वो बेबस बेचारा है।
मेरी ईमानदारी और मेरे अच्छे कर्मो ने तो मेरी लाइफ को ही बदल कर रख दिया मुझे नकारात्मक लोगो के झुंड कहा भेजना चाहते थे और मेरे अच्छे कर्मों ने मेरे विधाता ने मुझे कहां पहुचा दिया आज मेरे गाँव के और मेरे सभी जानकर मेरे रिस्तेदार मेरी कामयाबी को देखकर दंग है।
साथियों मुझमें थे जितने भी ऐब वो मेरी कलम ने लिख दिए मुझमें था जितना हुस्न वो मेरे हुनर में गुम हुआ।
ये कोई कुदरत का ही बड़ा चमत्कार है जिस भी छेत्र में हमने कदम रख दिया उस छेत्र में बात चली हमारी ही,लेकिन की हमने हर जगह जनसेवा ही है और जनसेवा की ही बदौलत आज हम यहां पहुचे है।
यातनाओं और तानों की भट्टी में तपा हुआ व्यक्ति राख नही डायमंड बनता है हमसे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है।
यह कड़वा सत्य है आने वाले 5 वर्षो में ही देश का सर्वश्रेष्ठ सामाजिक संगठन होगा भारतीय जनसेवा मिशन,भारतीय जनसेवा मिशन को सर्वश्रेष्ठ बनने से अब कोई भी रोक नही पाएगा।