इंसान की सोच
जैसा सोचोगे तुम वैसा ही पाओगे
जीवन मे रहकर अपना नाम कर जाओगे।
शब्द आपकी दुनिया है शब्द आपकी ताकत है
शब्दो को समझो हे भाई वक्त रहते संभलो भाई
जैसा बोलेगे तुम वैसा ही बन जाओगे।
दुनिया खेल मदारी का हर घड़ी रंग निराली का
काले सफेद में मत अटको जो मिला वह खरा सोना है
जैसी भावना होगी वैसी ही दुनिया दिखेगी....
कवि: प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री आध्यात्मिक व्याख्याता