सरकारी प्रॉपर्टी के किरायेदारों को मिलेगा मालिकाना हक
मोहित कोछड़
चंडीगढ़-हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार चुनावी मोड में आ गई है। प्रदेश सरकार के हर फैसले में इसकी झलक नजर आ रही है। ताजा फैसले में मनोहर सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों– नगर निगम, नगर परिषद व नगरपालिका की प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक देने के लिए ‘शहरी स्वामित्व’ योजना का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है। अभी तक इस योजना के तहत नगर निगम, नगरपालिका व नगर परिषद की जमीन के उन किरायेदारों व कब्जाधारियों को मालिकाना हक देने का कानून था, जिन्हें संबंधित प्रॉपर्टी पर बैठे 20 साल या इससे अधिक समय हो चुका है। ऐसे लोगों को कलेक्टर रेट के हिसाब से पैसा सरकार को देना है और इसके बदले वे जमीन के मालिक बन जाएंगे। इतना ही नहीं, 20 साल से 50 साल तक पुराने किरायेदारों के लिए कलेक्टर रेट में भी 20 से 50 प्रतिशत तक की छूट के नियम बने हुए हैं। 25 साल तक काबिज व्यक्ति को कलेक्टर रेट का 75 प्रतिशत, 30 साल तक 70 प्रतिशत, 35 साल तक 65 प्रतिशत, 40 साल तक 60 प्रतिशत, 45 साल तक 55 प्रतिशत और 50 साल तक 50 प्रतिशत का भुगतान करने पर मालिकाना हक दिये जाने का प्रावधान है।