नियमों को ताक पर रख चल रही अवैध सब्जी मंडी
प्रशासन द्वारा लगवाया जा चुका है मंडी पर ताला
राजस्व की हो रही भारी लूट
दबंग मंडी चालक की दबंगई के आगे प्रशासन नतमस्तक
स्थानीय सूत्रों के द्वारा भी बताया गया है कि मंडी को अबैध रूप से लगाया जा रहा है
जनपद आगरा:-आगरा शहर में अवैध सब्जी मंडी का कारोबार फलफूल रहा है आलम ये है की लोग अब अपने प्लॉट पर ही लोग बिना मंडी समिति के परमिशन के मंडी चला रहे है आश्चर्य की बात तो तब होती है जब प्रशासन द्वारा उक्त मंडी को बंद भी करा दिया जाता है पर मंडी स्वामी द्वारा प्रशासन द्वारा बंद कराई मंडी को खुद अपने आप ही खोल लिया जाता है वा अवैध तरीके से दुकानें मंडी में दे दी जाती फतेहाबाद रोड स्थित बसई सब्जी मंडी पर प्लॉट में चारदीवारी कर के मंडी माफिया सपन पंडित द्वारा अवैध सब्जी मंडी को फरवरी में प्रशासन ने बंद करवा दिया था जिसके कुछ समय बाद ही सब्जी मंडी सचालक ने ताला खोल कर मंडी चलाना शुरू कर दी इसकी उक्त जानकारी प्रशासन को भी नही है बड़ा सवाल ये है की किसके सरक्षण में ये मंडी चल रही है जिससे लाखो के राजस्व की हानि सरकार हो रही है इस तरह से चलने वाली मंडियों से तो मंडी माफियाओं के तो मजे आ जायेगे ना ही मंडी समिति के अधिकारियों को इसकी जानकारी है पूर्व में सब्जी पर मंडी समिति के अधिकारियों द्वारा शिकायत मिलने पर मंडी को बंद जरा दिया गया था पर फिर कुछ दिन बाद ही इसे अवैध तरीके से खोल लिया गया । जब इस बारे में मंडी संचालक से बात करना चाही तो मंडी संचालक का कहना था की मंडी चलाने के लिए प्रशासन ने हमे अनुमति दे दी है पर जब अनुमति से संबंधित कोई लेटर मांगा गया तो मंडी संचालक ने बात करने से इंकार कर दिया मंडी समिति अधिकारियों से बातचीत की तो उनका तर्क था अगर विभाग द्वारा बंद करवाई गई है अवैध मंडी और उसे खोला गया है तो कार्यवाही की जाएगी मंडी संचालक कितना ही दबंग क्यों न हो कार्यवाही जांच कर के जरूर होगी
150 से 200 रुपए में उठती है दुकान 89 है दुकान
मंडी में जानकारी करने पर पाया गया की 150 से 200 रुपए प्रति दिन के हिसाब से दुकान दी जाती है लगभग 89 दुकानें सब्जी वालो को दी जाती है लगभग 13500 रुपए प्रतिदिन दबंग मंडी संचालक द्वारा वसूला जाता है जिसका महीने का लगभग 400000 रुपए होता है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की बिना मंडी समिति के चल रही मंडी से मंडी समिति को कितने राजस्व की हानि हो रही है मंडी समिति अधिकारियों तक को इसकी सूचना नहीं है ।