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गुरुवार, 25 मई 2023

थाना में बैठकर पीड़ित रोते,थाना प्रभारी आराम से सोते

 थाना में बैठकर पीड़ित रोते,थाना प्रभारी आराम से सोते 

आगरा:पुलिस हमारे समाज का एक अभिन्न अंग है और न्याय के आपराधिक प्रशासन की प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि पुलिस मुख्य रूप से शांति बनाए रखने और कानून और व्यवस्था को लागू करने और व्यक्ति और व्यक्तियों की संपत्ति की सुरक्षा से संबंधित है। पुलिस को किशोर अपराध और महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार को भी रोकना होता है।पुलिस का जनता के बीच भी अपना सामंजस्य होता है जब ज्यादा बड़े मामले होते हैं तो जनता के द्वारा ही मामलों की जानकारी ली जाती है और फिर पुलिस मामलों के खुलासा करती है जब तक जनता और पुलिस के बीच सामंजस्य नहीं होगा तो एक भी मामले को पुलिस खोल नहीं सकती है ।

पुलिस का कानूनी कार्य, अपराध का पता लगाना और जांच करना, अपराधियों की गिरफ्तारी, सबूतों का संग्रह आदि करना है। उनके कार्य में पुलिस द्वारा गश्त और संभावित गलत करने वालों के खिलाफ निवारक कार्रवाई शामिल है। अपराध को रोकने के लिए पुलिस को सौंपा गया सबसे महत्वपूर्ण कार्य, कानून तोड़ने वालों और संदिग्ध अपराधियों को गिरफ्तार करना और उन्हें हिरासत में लेना है। लेकिन जनपद आगरा में एक थाना पुलिस का तो मामला ही विपरीत है इस थाना में अपराधियों और अबैध कार्य करने बालों को संरक्षण दिया जाता है और पीड़ितों को धक्का मारकर थाना से भगाया जाता है इसके साथ साथ थाना में बैठकर पीड़ित रोते रहते हैं लेकिन थाना प्रभारी उनकी एक नहीं सुनते और अपने कार्यालय में आराम से सोते रहते हैं ।

जनपद आगरा का थाना ट्रांसयमुना काफी सुर्खियों में भी रहा है इस थाना से एक थाना प्रभारी और एक मुख्य आरक्षी निलंबित भी हो चुके हैं ।लेकिन उनके जाने के बाद नए थाना प्रभारी की तैनाती हुई तो क्षेत्रीय जनता ने सोचा कि कुछ क्षेत्र में अबैध गतिविधियां कम हो सकती है लेकिन जैसा सोचा गया उससे मामला बिल्कुल विपरीत निकला यह थाना प्रभारी का जब से यहां आगमन हुआ तब से लेकर आज तक जनता के बीच थाना प्रभारी अपना सामंजस्य नहीं बना पाए हैं इस थाना में पीड़ितों की कभी सीधी सुनवाई नहीं होती है जब मामला उच्चाधिकारियों के पास जाता है तब थाना ट्रांसयमुना पुलिस कार्यवाही करती है ऐसा कई मामले है ,पीड़ित थाना में बैठकर रोते रहते हैं लेकिन थाना प्रभारी अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकलते इसके साथ ही जब कभी बाहर निकलकर आ भी जाते हैं तो पीड़ितों को धक्का मारकर बाहर निकाल देते हैं ।

थाना में बैठकर रोती महिला

अभी कुछ समय पहले रात्रि करीब 8 बजे के बाद एक पीड़ित महिला थाना ट्रांसयमुना में आती है और थाना कार्यालय में अंदर जाने के बाद बाहर कुर्सी निकालकर बैठ जाती है पीड़ित महिला के सामने एक आरक्षी भी बैठा हुआ था थाना में बैठकर पीड़ित महिला जोर जोर से रोने लगती है लेकिन कोई भी उस महिला की सुनने  बाला नहीं था आरक्षी बैठा फोन चला रहा था आसपास से पुलिस निकलती रहती है लेकिन उस महिला से कोई ये नहीं पूंछता कि आप क्यों रो रही है आपके रोने का क्या कारण है उस समय थाना प्रभारी भी अपने कार्यालय में बैठे हुए थे लेकिन पीड़ित महिला की रोने की आवाज सुनने के बाद भी कार्यालय से बाहर निकलकर नही आए ।जब थाना प्रभारी खुद पीड़ितों की सुनवाई नहीं करते तो कैसे यहां पीड़ितों को न्याय मिल सकता है बाद में महिला थाना में बैठकर रो रोकर न्याय की ना उम्मीद करते हुए अपने घर चली गई ।

थाना प्रभारी ने मृतक के परिजनों को थाना से धक्का देकर भगाया

ट्रांसयमुना क्षेत्र के कालिंदी विहार विजय कुंज में वुधवार शाम को एक फौजी युवक ने अपने ही घर में फाँसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली तो इस अप्रिय घटना को लेकर थाना पुलिस को सूचना दी गई मौके पर थाना पुलिस पहुँची और पंचनामे के लिए पुलिसकर्मी परिजनों को थाना में आने की बोल गए तो परिजन और कॉलोनी के सभ्य नागरिक थाना ट्रांसयमुना में पहुँच गए सभी लोग थाना के मैदान में खड़े हुए थे।तो अचानक थाना प्रभारी क्षेत्र में राउंड लगाकर आए और थाना की कार से उतरते ही परिजनों को भला बुरा और गलौज देने लगे गाली देते हुए मौजूद लोगो को थाना प्रभारी ने धक्का देकर थाना परिसर से बाहर भगा दिया जिसमें कुछ बड़े बुजुर्ग भी शामिल थे। थाने में ही परिजनों की एक कार और मोटरसाइकिल भी खड़ी थी जिनके थाना प्रभारी द्वारा चालान भी किए गए और वाहनों क़ो बाहर करने का तुगलकी फरमान भी सुना दिया। मृतक फौजी के पिता भी फौज से रिटायर हैं और थाने में जब फौजी परिवार के साथ ऐसा व्यवहार हो सकता है तो आम जनता के साथ क्या व्यवहार करते होंगे थाना प्रभारी।दूसरी तरफ परिजन स्वंय बच्चे की आत्महत्या को लेकर सदमे में हैं लेकिन फिर भी थाना प्रभारी ने मृतक  के परिजनों के साथ संवेदनाएं न व्यक्त करते हुए भला बुरा कहा और धक्का मारकर थाना से बाहर भगा दिया इस थाना प्रभारी से और क्या उम्मीद हो सकती है आज का व्यवहार थाना प्रभारी का तानाशाह व्यवहार रहा ऐसे तानाशाही को क्यों इस थाना की कमान दी गई बड़े सवालों को खड़ा करता है और कुछ दिनों पहले थाना कार्यालय से एक महिला मोबाइल को लेकर चली गई थी वह मामला भी उच्चधिकारियों के संज्ञान था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई इस थाना से कई पीड़ितों की शिकायतें भी पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुँची लेकिन फिर भी थाना प्रभारी पर मेहरबानी दाल में कुछ काला साबित करती है।

अब देखने बाली बात यह होगी कि लापरवाह,तानाशाह थाना प्रभारी पर उच्चधिकारियों की नजर पड़ने के बाद कार्यवाही कब होती है यह तो आने बाला समय ही बताएगा ।

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