अपील - जुआ खेलने को और गुटखा खाने को इंस्पायर करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगनी चाहिए : मुसरफ खान
आगरा। चंद पैसों के लिए हमारे फ़िल्म अभिनेता जनमानस से ज़हरीला ग़ुटखा खाने को और इंडियन क्रिकेटर जुआ खेलने के लिए विज्ञापनों में बेशर्मी से प्रेरित कर रहें हैं। क्या ऐसा करना देशहित में सही हैं ?
वरिष्ठ समाजसेवी श्री मुसरफ खान साहब ने अपनी राय रखते हुए पत्रकार वार्ता में बताया कि यक़ीन नहीं होता कि पैसे के लिए हमारे फ़िल्म अभिनेता जनता से ज़हरीला ग़ुटखा खाने को और इंडियन क्रिकेटर जुआ खेलने के लिए विज्ञापनों में बेशर्मी से प्रेरित कर रहें हैं। आज हम एक ऐसे समय से गुजर रहे हैं। जहां युवाओं के रोल मॉडल या तो उन्हें गुटखा खाने को इंस्पायर कर रहे हैं या जुआ खेलने को, खुद तो दूध में चीनी तक डालके नहीं पीते, भले ही चंद पैसे के लिए देश का युवा बर्बाद हो जाए इन लालची लोगों को कोई मतलब नहीं हैं।
श्री खान साहब ने आगे बताया कि जो क्रिकेटर देश के युवाओं को जुआ खेलने के लिए प्रोत्साहित कर रहें हैं। लेकिन एक बात आप ध्यान से समझ लीजिए कि इन्होने तो मोटा पैसा कमा लिया हैं। अगर आप को इन सब जीवन बर्बाद करने वाली चीजों की लत गयी ना, तो आप ना घर के रहेंगे ना घाट के, अगर इनके विज्ञापनों के बहकाबे में आप आगये ना तो इस देश में आज के बाद कोई भी बड़ा किर्केटर नहीं बन पायेगा। क्या ऐसा करना देशहित में सही हैं ? यह लालची लोग हमारी आने वाली पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं। समाज के लिए इनके द्वारा किया गया यह कृत्य बहुत ही गलत है। हमारी विनम्र अपील हैं कि ऐसे सभी विज्ञापनों पर रोक लगनी चाहिए।