डरने की नहीं है कोई बात ,यूपी के डिप्टी सीएम हैं साथ - यूपी न्यूज़ एक्सप्रेस

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मंगलवार, 11 जुलाई 2023

डरने की नहीं है कोई बात ,यूपी के डिप्टी सीएम हैं साथ

डरने की नहीं है कोई बात ,यूपी के डिप्टी सीएम हैं साथ 


👉जब तक रहेंगे डिप्टी सीएम तब तक आगरा आरटीओ में रहूंगा-प्रशांत शर्मा

👉मेरी और मेरे भाई की आय से अधिक संपत्ति की जांच में भी कुछ नहीं बिगड़ा - प्रशांत शर्मा

👉मेरा भाई चेयरमैन जब तक बीजेपी की सरकार तब तक मेरा ट्रांसफर नहीं - प्रशांत शर्मा

👉आगरा आरटीओ में 6 साल से लगातार बना हुआ हूं और बना रहूंगा मेरा ट्रांसफर नहीं- प्रशांत शर्मा

👉लर्निंग लाइसेंस से संबंधित शिकायत मे आई जी आर एस पर लगाई (एआरटीओ प्रशासन) ने फर्जी रिपोर्ट- प्रशांत शर्मा

👉 लर्निंग लाइसेंस में रिश्वतखोरी /भ्रष्टाचारी की 15 करोड़ की खबर प्रकाशित होने के बाद दिया लखनऊ मुख्यालय पर लिफाफा -  प्रशांत शर्मा

👉 सहायक संभागीय अधिकारी (प्रशासन) ने लगाई आई जी आर एस पर फर्जी आख्या- प्रशांत शर्मा

👉 फर्जी तरीके से लर्निंग लाइसेंस पास करने के मामले में 15 करोड़ मैं अकेला शामिल नहीं मेरे साथ आर आई से लेकर अन्य अधिकारी भी शामिल - प्रशांत शर्मा

👉 आरटीओ अधिकारियों को मालूम अनपढ़ कैसे दे सकते हैं लर्निंग लाइसेंस का कंप्यूटर पर टेस्ट- प्रशांत शर्मा

👉 80% प्रतिशत लर्निंग लाइसेंस बिना कंप्यूटर टेस्ट दिए कर दिए पास

👉 स्थानीय  पेपर के दो पत्रकार मेरी मुट्ठी में एक को पहनाया हेलमेट तो दूसरे को खिलाई मिठाई - प्रशांत शर्मा

आगरा ।संवाददाता। कहते हैं पावर मनी व राजनीतिक का नक्शा बहुत बुरा होता है और यदि दोनों ही किसी व्यक्ति को मिल जाए तो वह अपने आप को खुदा से कम नहीं समझता इसी पावर मनी व राजनीतिक के नशे में आगरा आरटीओ विभाग के एक बाबू ने लर्निंग लाइसेंस में 15 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी /भ्रष्टाचारी  का खेल किया खबर प्रकाशित हुई तो लखनऊ मुख्यालय पहुंच गए और टेबल के नीचे भारी भरकम लिफाफे का चलन चला बाद में मुख्यमंत्री पोर्टल से जांच आई आरटीओ के सहायक संभागीय अधिकारी (प्रशासन) ने आई जी आर एस पर फर्जी आख्या लगाकर बाबू को बचाते हुए जांच को समाप्त कर दिया ।

आरटीओ विभाग के बाबू ने लर्निंग लाइसेंस रिश्वत लेकर बिना कंप्यूटर टेस्ट कराए अनपढ़ों पर भी कर दिए पास

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरटीओ विभाग के बाबू  प्रशांत शर्मा जो कि पूर्व में लर्निंग लाइसेंस का कार्य देखते थे उन्होंने अपने समय में जमकर लर्निंग लाइसेंस पास कराने के नाम पर प्रति लाइसेंस पर 600 रुपए लेटे थे उसके एवज में लर्निंग लाइसेंस धारक को कंप्यूटर टेस्ट नहीं देना पड़ता था उसी के चले उनके समय में 80% लर्निंग लाइसेंस बिना टेस्ट दिए ही  पास कर दिए गए इसमें से कई लर्निंग लाइसेंस प्राप्तकर्ता को यातायात नियमों के संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं थी। क्योंकि वह पढ़े-लिखे ही नहीं थी। सवाल यह हैं यदि जांच होती है तो इस बिंदु पर की जाए यदि वह पढ़े-लिखे नहीं थी तो कंप्यूटर पर उन्होंने टेस्ट कैसे दे दिया और उनका लर्निंग लाइसेंस कैसे पास हो गया। 

मेरा भाई चेयरमैन जब तक बीजेपी की सरकार तब तक मेरा ट्रांसफर नहीं

विभागीय सूत्र बताते हैं प्रशांत शर्मा बाबू को आगरा में 6 वर्ष लगभग होने जा रहे हैं। पहले वह लर्निंग लाइसेंस का कार्य पूर्व में देखते थे मगर वहां से अब वाहन रजिस्ट्रेशन में बैठा दिया गया है। मगर वहां पर भी वाहन विक्रेताओं से रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसे बढ़ाने का कार्य किया गया । इतना ही नहीं मयूरी के  पंजीकरण के नाम पर भी जमकर खेल किया जा रहा है। जब कभी कोई उनकी शिकायत अधिकारियों को करने की कहता है तो वह बड़े ही अंदाज से कहते हैं मेरा भाई चेयरमैन जब तक बीजेपी की सरकार तब तक मेरा ट्रांसफर नहीं। 

मेरी और मेरे भाई की आय से अधिक संपत्ति की जांच में भी कुछ नहीं बिगड़ा- प्रशांत शर्मा

 विभागीय सूत्रों का कहना है की प्रशांत शर्मा कहते हैं कि मेरी आय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही है वही उनके भाई आशीष शर्मा के बारे में सूत्र बताते हैं कि उनकी आय से अधिक संपत्ति की जांच के संबंध में एक प्रमुख अखबार में 4 मई 2022 को खबर भी प्रकाशित हुई थी। मगर अपने राजनीतिक संबंध के चले अभी  प्रभावशाली तरीके से कार्रवाई नहीं हुई है। क्योंकि प्रशांत शर्मा कहते हैं मेरे भाई के संबंध उप मुख्यमंत्री तक हैं।

  मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत में लगी फर्जी आख्या

सूत्र बताते हैं रिश्वतखोरी के दम पर लर्निंग लाइसेंस पास करने के संबंध में प्रशांत शर्मा की रिश्वतखोरी की 15 करोड़ रुपए की खबर प्रकाशित हुई थी। किसी व्यक्ति के द्वारा प्रशांत शर्मा की शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल पर डाल दी गई थी। जब उसकी जांच आगरा आरटीओ विभाग में आई तो सहायक संभागीय अधिकारी (प्रशासन) ने लर्निंग लाइसेंस से संबंधित कोई भी टिप्पणी न करते हुए  यह लिख दिया कि यह खबर छपी नहीं है फिर लिखते हैं खबर एडिट की गई है फिर आगे लिखते हैं खबर के संबंधित प्रशांत शर्मा बाबू के द्वारा संपादक को नोटिस दिया गया है। सवाल यह है कि जब खबर प्रकाशित ही नहीं हुई (जैसा कि सहायक संभागीय अधिकारी (प्रशासन) के द्वारा मुख्यमंत्री के पोर्टल पर आंख्या लगाई गई है) तो नोटिस किस बात का संपादक को दिया गया। जबकि सूत्रों का यह कहना है की सहायक संभागीय अधिकारी (प्रशासन) को भी भारी-भरकम टेबल के नीचे से लिफाफा  प्राप्त हुआ। इसलिए उनके द्वारा लर्निंग लाइसेंस संबंधी किसी भी प्रकार की जांच में टिप्पणी ना करना उनकी जांच आख्या संदेह के दायरे में अपने आप आती है।

15 करोड़ की रिश्वतखोरी में  अकेला शामिल नहीं - प्रशांत शर्मा

 आरटीओ विभाग के सूत्रों का कहना है कि प्रशांत शर्मा यह कहते नहीं थकते कि यदि लर्निंग लाइसेंस के 15 करोड़ रुपए में यदि अकेला शामिल होता तो आरटीओ विभाग के सहायक संभागीय अधिकारी ( प्रशासन) व आर आई अब तक मेरा बोरिया बिस्तर बंधवा कर ट्रांसफर करवा दिया होता। इसलिए (एआरटीओ प्रशासन) ने मेरी फेवर में रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री के पोर्टल पर डाली यदि मेरे ऊपर कार्रवाई होती तो 15 करोड़ रुपए में सबका नाम खुल जाता ।

 प्रमुख अखबार के दो रिपोर्टर मेरी मुट्ठी में...... - प्रशांत शर्मा

   सूत्र बताते हैं प्रशांत शर्मा यह कहते नहीं थकते आरटीओ विभाग में लोगों से मैंने एक पत्रकार को हेलमेट पहनाया  है जिसकी कीमत पंद्रह  सों रुपए के ऊपर थी। वही दूसरे पत्रकार को बढ़िया वाली मिठाई खिलाई दोनों ही नहीं पत्रकार प्रमुख अखबार से ताल्लुक रखते हैं। इसलिए आज तक मेरे कारनामों को कभी भी उन्होंने प्रकाशित नहीं किया। जब मैं लर्निंग लाइसेंस का कार्य पूर्व में देखता था तो उनको मालूम था कि लर्निंग लाइसेंस बिना कंप्यूटर टेस्ट दिए ही पास हो रहे हैं।

शहर की जनता पहले की तरह खबर को ट्वीट व मुख्यमंत्री के पोर्टल पर डालें

आगरा शहर की जनता पूर्व की भांति मुख्यमंत्री के पोर्टल से लेकर अधिकारियों को अखबार की खबर को ट्वीट करके अवगत कराएं जैसा कि पूर्व में हमें ज्ञात हुआ की आगरा शहर की जनता ने पूर्व में इस संबंध में खबर को ट्वीट व अधिकारियों को अवगत कराया गया है। 

    देखने वाली बात भी होगी  खबर प्रकाशित होने के बाद मुख्यालय से लेकर आगरा के स्थानीय आरटीओ अधिकारियों के द्वारा पूर्व में रहे लर्निंग लाइसेंस में रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचारी से जुड़े प्रशांत शर्मा पर विभागीय कार्रवाई अमल में आएगी या जांच के नाम पर फिर टेबल के नीचे का खेल चलेगा यह तो आने वाला समय बताएगा ।

आरटीओ विभाग में आए नवनिर्वाचित अधिकारियों के द्वारा प्रशांत शर्मा की रिश्वतखोरी में साथ देंगे या कार्रवाई करेंगे सूत्रों से जानकारी प्राप्त होते ही है उसका भी खुलासा विस्तार से होगा।

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