सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष के साथ श्रीमद्भागवत कथा का विराम - यूपी न्यूज़ एक्सप्रेस

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शनिवार, 19 अगस्त 2023

सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष के साथ श्रीमद्भागवत कथा का विराम

सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष के साथ श्रीमद्भागवत कथा का विराम

 



नोएडा:
नोएडा सेक्टर 134 स्थित जेपी ग्रीन विश टाउन सोसायटी द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास डॉक्टर निधि तेलंग ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष प्रसंग का सुंदर वर्णन किया। सुदामा जी जितेंद्रिय एवं भगवान कृष्ण के परम मित्र थे। भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते । गरीबी के बावजूद भी हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते। पत्नी सुशीला सुदामा जी से बार बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश हैं उनसे जाकर मिलो शायद वह हमारी मदद कर दें। सुदामा पत्नी के कहने पर द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राम्हण आया है। कृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौङकर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते । उनकी दीन दशा देखकर कृष्ण के आंखों से अश्रुओं की धारा प्रवाहित होने लगती है। सिंघासन पर बैठाकर कृष्ण जी सुदामा के चरण धोते हैं। सभी पटरानियां सुदामा जी से आशीर्वाद लेती हैं। सुदामा जी विदा लेकर अपने स्थान लौटते हैं तो भगवान कृष्ण की कृपा से अपने यहां महल बना पाते हैं लेकिन सुदामा जी अपनी फूंस की बनी कुटिया में रहकर भगवान का सुमिरन करते हैं। अगले प्रसंग में शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया। तक्षक नाग आता है और राजा परीक्षित को काट लेता है। राजा परीक्षित कथा श्रवण करने के कारण भगवान के परमधाम को पहुंचते है। इसी के साथ कथा का विराम हो गया। 

 


आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि 20 अगस्त दिन रविवार को प्रातः 8 बजे से हवन यज्ञ होगा एवं दोपहर 12 बजे से भंडारे का आयोजन होगा। श्रीमद्भागवत कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा हमारे अज्ञानता और अहंकार को नष्ट कर सकारात्मकता व भक्ति से जोड़ती है। नई पीढ़ी को संस्कारों से जोड़े रखने के लिए समय समय पर धार्मिक आयोजन अति आवश्यक हैं।

 इस अवसर पर आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे, के के मिश्रा, राजेंद्र शर्मा, टी आर शर्मा , आशुतोष पांडे, अशोक कक्कड़, मेहरा जी, सुभाष तैलंग सहित तमाम भगवत्प्रेमी भक्त मौजूद रहे।

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