आरजेएस पीबीएच -पीएसएआईआईएफ द्वारा आयोजित रोगी सुरक्षा वेबिनार में मरीजों को शामिल करना
एनएबीएच के अध्यक्ष प्रोफेसर महेश वर्मा और पीएसएआइआईएफ के संस्थापक प्रो बिजाॅन कुमार मिश्रा ने वेबिनार में अपने विचार व्यक्त किए।
नई दिल्ली। एनएबीएच रोगी सुरक्षा दिवस पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की गई, जिसमें निश्चित रूप से सभी हितधारकों को अपनी जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक होना होगा, सभी स्तरों पर संचार के बहुत महत्वपूर्ण पहलू से, जिसे पारिवारिक बातचीत, निदान के स्तर से अधिक महत्व नहीं दिया जा सकता है। और पैथोलॉजी, और डॉक्टरों और रोगियों के बीच स्पष्ट और संवेदनशील संचार। उचित निदान और उपचार के अलावा, रोगी से सटीक जानकारी भी महत्वपूर्ण है। चिकित्सीय जानकारी जटिल होने के कारण, समस्या चिकित्सीय शब्दजाल से और भी जटिल हो जाती है। कॉन्फ्रेंस के बाहर एनएबीएच चेयरमैन प्रो.(डा.) महेश वर्मा ने वेबिनार में संस्थापक आरजेएस पीबीएच उदय मन्ना से बात की जिसे लाईव आरजेएस पीबीएच - पीएसएआईआईएफ वेबिनार में शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि नकारात्मकता के मुकाबले सकारात्मक दृष्टिकोण लंबे समय तक कायम रहता है। आगे उन्होंने कहा कि मरीजों की भलाई के लिए मरीजों की भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना कि उनकी चिकित्सा पर ध्यान देना।
प्रोफेसर बेजोन कुमार मिश्रा, आरजेएस पीबीएच सलाहकार और संस्थापक पीएसएआइआईएफ उन वक्ताओं में से एक थे जिन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पताल आदि व्यवहार में गुणवत्ता बनाए रख रहे हैं।
आरजेएस पीबीएच ने अपना साप्ताहिक कार्यक्रम वर्चुअल और फिजिकल मोड में ली मेरिडियन होटल, नई दिल्ली में आरजेएस पीबीएच के संस्थापक उदय मन्ना के मार्गदर्शन में आयोजित किया, जिसकी अध्यक्षता प्रफुल्ल डी. सेठ उपाध्याय पेशेंट सेफ्टी एंड ऐक्सेस इनीशिएटिव फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने की। वेबिनार ने विभिन्न दृष्टिकोणों से रोगी सुरक्षा पर प्रकाश डाला और वक्ता अशोक कुमार मलिक, आरजेएस पीबीएच प्रवक्ता, बीना जैन संस्थापक उज्ज्वला महिला एसोसिएशन, और अरुण मलिक ने चर्चा के तहत जटिल मुद्दे के विभिन्न दृष्टिकोणों से ध्यान आकर्षित किया। संवाद सत्र में प्रफुल्ल पाण्डेय,सुदीप साहू, इशहाक खान और सुरजीत सिंह दीदेवार ने अपने विचार रखे।