पशु क्रूरता संरक्षण अधिनियम एवं भादवि की धारा 428, 429 के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन - यूपी न्यूज़ एक्सप्रेस

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शनिवार, 6 मई 2023

पशु क्रूरता संरक्षण अधिनियम एवं भादवि की धारा 428, 429 के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

पशु क्रूरता संरक्षण अधिनियम एवं भादवि की धारा 428, 429 के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन  

 



नोएडा:
पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर-108 के सभागार में पशु क्रूरता संरक्षण अधिनियम एवं भादवि की धारा 428, 429 तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के केस लॉ मुस्तकीम बनाम उ0प्र0 राज्य आदि के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित एसीपी साइबर सुरक्षा/महिला सुरक्षा श्रीमती वर्णिका सिंह व पीपल फॉर एनिमल और पीएफए/पीपीएफ के पदाधिकारियों द्वारा सभी थानों से आये पुलिसकर्मियों को पशु क्रूरता व पशु संरक्षण के बारे में जागरूक किया गया।


 पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर-108 के सभागार में पशु क्रूरता संरक्षण अधिनियम एवं भादवि की धारा 428, 429 के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला में एसीपी साइबर सुरक्षा/महिला सुरक्षा श्रीमती वर्णिका सिंह व पीपल फॉर एनिमल और पीएफए/पीपीएफ के पदाधिकारियों द्वारा सभी थानों से आये पुलिसकर्मियों को पशु क्रूरता एवं भादवि की धारा 428, 429 के बारे में जागरूक करते हए पशु संरक्षण से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बाते साझा की गयी। पीपल फॉर एनिमल की ट्रस्टी श्रीमती गौरी मौलेखी द्वारा पशु क्रूरता संरक्षण अधिनियम-1960 एवं भादवि की धारा 428, 429 के सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए पुलिसकर्मियों को बताया गया कि किस प्रकार वह थानों पर पशु क्रूरता के सम्बन्ध में आने वाले मामलों में कार्रवाई एवं उनका निस्तारण कर सकते है, सभी पशु प्रकृति को संतुलित बनाए रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते है जिस कारण उनका संरक्षण करना भी हमारा दायित्व है। पशुओं को क्रूरता से बचाने के लिए ही पशु क्रूरता अधिनियम बनाया गया है किंतु ज्यादातर लोग इससे अनजान है जिस कारण वह जानकारी के अभाव में घरेलू पशुओं या खुले में घूम रहे पशुओं के साथ हिंसा करते है, सभी नागरिकों को पशु क्रूरता संरक्षण अधिनियम एवं भादवि की धारा 428, 429 के बारे में जागरूक करना अति आवश्यक है, जिससे पशुओं को हिंसा से बचाया जा सके। पशुओं को बिना वजह परेशान करना, मारना या गाड़ी में ठूसकर ले जाना भी पशुओं पर क्रूरता करना ही है जिसके संबंध में विधिक कार्रवाई की जाती है।


उपस्थित अन्य पदाधिकारियों द्वारा पुलिसकर्मियों को ब्रीफ करते हुए बताया गया की वह ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करे की वह खुले में पशुओं को आवारा न छोड़े, पशुओं की उचित देखभाल करे, पशुओं के साथ हिंसा या पशु लड़ाई न कराए एवं सभी नियमों का पालन करते हुए ही उनका परिवहन करे जिससे उन्हें किसी प्रकार की शिकायत और कठिनाई का सामना न करना पड़े।

एसीपी साइबर सुरक्षा/महिला श्रीमती वर्णिका सिंह द्वारा बताया गया की पशु भी समाज का अभिन्न अंग है। उसे पर्याप्त मात्रा में खाना, पानी, घूमना-फिरना और प्यार देना आवश्यक है। पशुओं को हानि नहीं पहुंचाना चाहिए बल्कि प्यार के साथ रखना चाहिए। सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि वह पशुओं के साथ सही बर्ताव करें। कानून की नजर में पशु को प्रताड़ित करना अपराध है, पशुओं को परेशान करने से लोगों को रोकना चाहिए एवं न मानने पर उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। पशु बोल नहीं सकते लेकिन उनके अंदर भावनाएं होती हैं। भावनाओं को समझते हुए हमें उनके साथ बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए।

उक्त कार्यशाला के दौरान एसीपी साइबर सुरक्षा/महिला श्रीमती वर्णिका सिंह, पीपल फॉर एनिमल की ट्रस्टी श्रीमती गौरी मौलेखी, पीएफए/पीपीएफ की ट्रस्टी एडवोकेट श्रीमती प्रियंका बंगारी, अन्य पदाधिकारी व करीब 80 पुलिसकर्मी उपस्थित रहे एवं कार्यशाला के संपन्न के पश्चात उपस्थित अधिकारीगण द्वारा सभी पुलिसकर्मियों को पशु क्रूरता संरक्षण से संबंधित बुकलेट भी वितरित की गई।

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