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शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2023

समाजसेवी रामानन्द तिवारी द्वारा लिखा गया पुलिस चालीसा

 समाजसेवी रामानन्द तिवारी द्वारा लिखा गया पुलिस चालीसा



यूपी न्यूज एक्सप्रेस

रामानन्द तिवारी

संत कबीर नगर : सुनो सुनाऊ पुलिस चालीसा रामानन्द तिवारी मुख गाई। कष्ट पड़े तो फोन लगाओ पुलिस हरि बनी जाई।। अमन चमन से सब नर नारी। दशहत में रहे अत्याचारी।। सत्य पुलिस की महिमा बताऊ। सुनो सुनो चित लाई।। प्रफुल्लित जीवन यापन हो। पुलिस मित्र बन जाई।। जय हो जय हो पुलिस वीर की । धन्य धन्य हो परमजीत की ।। अमन चमन से सब नर नारी। दशहत में रहे अत्याचारी।। ना सुधरे जब अपराधी फिर टूटत है। पुलिस की लाठी।। काल कोठरी नरक दिखावे। कोर्ट कचहरी चार्ज लगावे ।। जब जिसकी मति गई है मारी । हिंसा को बस वही नर नारी ।। कितना भी कोई जुर्म छुपाए । ढूंढ निकाले पुलिस बल आये।। भूत पिसाच पुलिस से कापे। देश छोड़कर कई डान भागे अगर ना होती पुलिस देश में। रावण दिखता जी साधु भेश में।। रोक लो हिंसा फोन घुमाओ‌। पुलिस की सेवा तत्पर्य पावो। पुलिस मित्र रही सदा हमारे ।घटित व्यथा सब इनकी बताओ।। ठंडी गर्मी वर्षा आए । कभी पुलिस को अवकाश ना जाए।।  पुलिस महेकमा को है देखा‌। जल प्रलय मध्य कार्य अनोखा। रामराज है इनकी कामना ।। लिखित मैं पुलिस भावना।       जो नर पुलिस को मित्र बनावे। हिंसा से मुक्ति का जावे।। बाबासाहेब की हर वाणी । न्याय व्यवस्था दुरुस्त है प्राणी।। अति हो जाने पर एनकाउंटर । साफ करें अपराध निरंतर ।। फिर चाहे पापी हो या भूपति कदम ना पीछे रखते सुरपति।।  हमें सुरक्षित रखने वाले वर्दी तन पर धरने वाले।। कर्म करे ए पूज्य योग का ।सेवा करते जी अपने देश का।। निष्ठान है पुलिस हमारी । हर मजहब से रखते यारी बना रहे बस भाई चारा । बैर बने नहीं मन में है ठाना ।। पुलिस अहमियत को जो जाने।  सभी जुल्म से दूर ओ भागे ।। करते न्याय की पापी निंदा । तड़पत है जब परत है फंदा। हिंदू मुस्लिम करते नहीं है  चुस्त व्यवस्था रखते यही हैं।  दुष्ट दलन की सामत आती। पुलिस पुलिस जनता चिल्लाती।। बुद्धिहीन करे पुलिस की निंदा। लगता है मुझे ब बहुत अचंभा।। आज्ञा देते बड़े-बड़े अधिकारी। पालन करती है यह पुलिस हमारी। पुलिस बिना गुंडे मवाली।। नहीं सुरक्षित रहेंगे हम सब । दिखेंगे रावण हमको पल पल।। सत्य कडू यदि लगे किसी को । पापी मन बस कहते  इसी को।। स्वच्छ कलम की है यह वाणी। सुनो पढ़ो सब देश के प्राणी ।। झूठ झूठ प्रसंसा नाही।  सच गा रहे हैं खलीलाबादी।।  नहीं किसी का रिश्वत खाते। सत्य कथन हम सदा सुनाते ।। पुलिस चालीसा जिसको भाये। वह कमेंट बॉक्स में नाम बताएं।। जन-जन को शेयर कर देना। सम्मानित तुम भी कर लेना।। कष्ट पड़े संकट हरे शीघ्र पुलिस दर आए। हिंसा से मुक्ति मिले बीर पुरुष कहलाए ।।  हिंदुस्तानी पुलिस प्रशासन की जय हो जय हो

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