भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर 2023 में कब तक कार्रवाई हो पाएगी
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के द्वारा पुलिस पर बड़ी कार्यवाही की गई थी
वी पी एस खुराना
मथुरा: जनपद में विभिन्न कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है आम जनता त्राहि त्राहि कर रही है सूत्रों की माने तो पुलिस विभाग व विद्युत विभाग पहले नंबर पर है स्वास्थ्य विभाग भी भ्रष्टाचार के मामले में कम नहीं जिला अस्पताल में मेडिकल के नाम पर पैसे वसूल किए जाते हैं वही पुलिस विभाग में मुकदमा दर्ज व विवेचना में नाम निकालना के एवज में जांच अधिकारी के द्वारा रूपयों की मांग होती है यह सब खेल चल रहा है भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है काश सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ कुछ ऐसा करें जो यादगार बन जाए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की तरह दिखाएं जिससे उत्तर प्रदेश की जनता में पूर्ण विश्वास हो जाए हम सुरक्षित व भ्रष्टाचार निरोधक प्रदेश के निवासी हैं सन 1979 में पुलिस थाने में किसान बनकर आए चौधरी चरण सिंह से ली 35 रुपये रिश्वत- 24 घंटे में पूरा थाना सस्पेंड सन 1979 में इटावा के ऊसराहार थाने के सिपाही दिन का काम निपटाकर रजिस्टर मेंटेन करने में जुटे थे। इसी बीच धोती कुर्ता पहने एक किसान पुलिस थाने पहुचा। माथे पर आए पसीने को पहुंचते हुए उसने सिपाही से कहा साहब मेरे दो बैल चोरी हो गए हैं। शिकायत लगवानी है। सिपाही ने बुजर्ग किसान से कहा बाबा बहुत टाइम हो गया है। कल आना रिपोर्ट लिख जाएगी। किसान निराश होकर थाने से बाहर जाने लगा तभी अंदर से दूसरा सिपाही बुजुर्ग के पास दौड़ता हुआ आया। बोला बाबा चलो तुम्हें दरोगा जी बुला रहे हैं। दरोगा ने फिर किसान से कुछ आड़े टेढ़े सवाल पूछे और बिना रिपोर्ट दर्ज कर उसे डांटकर थाने से भगा दिया। किसान थाने से जाने लगा तो वही सिपाही फिर दौड़ता हुआ आया और बोला- बाबा थोड़ा खर्चा पानी दे दो तो रिपोर्ट लिख जाएगी। रिपोर्ट लिखे जाने पर किसान फिर खुश हो गया। लेकिन खर्चा पानी की बात उसे अंदर से खाई जा रही थी। हालांकि, वह कुछ पैसे देने पर राजी हो गया। मामला एक बार फिर से दरोगा के पास पहुंचा। 35 रूपये की रिश्वत पर रिपोर्ट लिखना तय हुआ। शिकायत दर्ज कर मुंशी हँसते हुए पूछा बाबा साइन करोगे कि अंगूठा मारोगे।
सभी हंस रहे थे इसी बीच के सामने अपने मैली कुर्ते से पेन निकाली और रिपोर्ट पर साइन किया। नाम लिखा चौधरी चरण सिंह देखते ही देखते कागज पर मोहर लगा दी गई। जिस पर लिखा था प्रधानमंत्री भारत सरकार यह देखते ही दरोगा सन्न रह गया। शरीर कांपने लगा और कुर्सी से खड़ा हो गया। इस बार पसीना उसके माथे पर था। लेकिन किसान बनकर पहुंचे। प्रधानमंत्री चरण सिंह ने किसी को माफ नहीं किया। 24 घंटे के अंदर पूरा का पूरा थाना सस्पेंड कर दिया गया।